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क्रिकेट का भगबान या पैसों का सौदागर

मैं, लेखनी और जिंदगी
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क्रिकेट का भगबान या पैसों का सौदागर

अभी आने बाले दिनों में जब भारतीय खिलाडी टेस्ट मैचों में अपना पसीना बहा रहे होगे तब क्रिकेट के भगबान कहे जाने बाले सचिन यूरोप में छुट्टियां मना रहे होंगें . जिस बी सी सी आई और मीडिया ने सचिन तेन्दुलकर को क्रिकेट के भगबान का तमगा दे डाला बही भगबान न जाने कितने नए क्रिकेट खिलाड़ियों का कैरियर ही खा गया .जब कभी पैसे के लिए राज्यसभा की सदयस्ता लेने की बात हो या आई पी एल में खेलने की बात हो या फिर ऐड फिल्मों में काम करने की बात हो,सचिन ने शायद ही कभी मना किया हो।
बी सी सी आई और मीडिया ने क्रिकेट के खेल में पैसों ऐसा खेल खेला की अपने भारत में सभी खेल दोयम दर्जे के होकर रहे गए हैं।ऐसा क्यों नहीं होता कि बी सी सी आई ऐसा नियम बनाये की कम कम से टेस्ट और एक दिबसीय मैचों को खेलने की बाध्यता हो।सचिन के साथ अपना कैरियर सुरु करने बाले इंडिया और अलग देशो के ना जाने कितने खिलाड़ी अपना कैरियर सम्मान पुर्बक ढंग से ख़तम कर चुकें है।सचिन अच्छी तरह से जानते है की बो टेस्ट खेले ना खेले ,टीम में बने रहकर और टीम में रहकर टेनिस देखकर मौज मस्ती करते रह सकते है . बी सी सी आई उन्हें जब चाहें आराम देकर नए लोगों को लेती रहेगी और जब बह आने को होंगें किसी ना किसी युबा खिलाडी का बरदान दिया जाता रहेगा।.बी सी सी आई और कई राजनीतिज्ञ (जेटली ,शुकला ,पबार यादव) ने क्रिकेट के खेल में ऐसे ऐसे खेल खेले हैं कि खेलमंत्री भी उनकी चालों के आगे कभी कभी असहाय से महसूस करते हैं . सचिन की अपनी मर्जी से क्रिकेट खेलने की नीति के चलते कई उभरते क्रिकेटरों का कॅरियर प्रभावित हो रहा है। लाखो करोड़ो के आयकर का चुना लगाने बाली बी सी सी आई और सेलेक्टर की न जाने ऐसी कौन सी मजबूरी है की सचिन की खातिर उभरते क्रिकेटरों का कॅरियर बर्बाद करने पर तुली हुयी है .
बी सी सी आई और मीडिया के खेल से क्रिकेट की छोटी से छोटी बात को भी प्रमुखता से पेश किया जाता है और अन्य खेलो की राष्ट्रीय खबरे भी सुर्खियों में जगह नहीं बना पाती।.अब समय आ गया है कि आम पब्लिक भी क्रिकेट के खेल के खेल को भी समझे और अन्य खेलो और खिलाड़ियों को भी बो सम्मान मिल सके जिसके बह हकदार हैं।.
सचिन तेंडुलकर ने श्रीलंका में होने वाली वनडे सीरीज़ से अपना नाम वापस ले लिया और इनदिनों यूरोप में छुट्टियां मना रहे हैं। सचिन का कहना है कि श्रीलंका में क्रिकेट खेलने की बजाय उन्होंने यूरोप में परिवार के साथ वक्त गुजारने का फैसला किया है। सचिन का इस बाबत कहना है, ‘मैं अपने परिवार के साथ कुछ वक्त बिताना चाहता था। इसलिए मैंने बीसीसीआई से बात (न खेलने की) की। अगर मैं श्रीलंका जा रहा होता तो मैं यहां (यूरोप) में नहीं होता। मैं भारत में प्रैक्टिस कर रहा होता। लेकिन तब बच्चों के साथ वक्त बिताना मुश्किल होता।’सचिन हमेशा कहते रहे हैं कि क्रिकेट उनका पहला प्यार है। लेकिन सचिन के ताज़ा बयान से लगता है कि क्रिकेट धीरे-धीरे उनकी प्राथमिकता की सूची में नीचे आने लगा है।
सचिन के इस रवैये से यह लग रहा हो कि सचिन धीरे-धीरे संन्यास की तरफ बढ़ रहे हैं तो ये गलत हैं। सचिन के मुताबिक उनके संन्यास का तो सवाल ही नहीं उठता है। खुद सचिन ने इस बारे में कहा, ‘जब तक मैं इस खेल का आनंद ले रहा हूं, तब तक मेरा इसे छोड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।मैं क्रिकेट का आनंद ले रहा हूं और तब तक लेता रहूंगा जब तक इस खेल को लेकर मेरे अंदर जुनून बरकरार है।सचिन ने मई में आईपीएल-5 के बाद किसी टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है। वे पिछले सवा महीने से आराम कर रहे हैं। इस बार आईपीएल में भी वे करीब आधे टूर्नामेंट ही खेल पाए थे। इसके बावजूद उन्‍होंने मैच खेलने के बजाय और आराम करने को अहमियत दी। सचिन चुनिंदा वनडे मैच खेलते हैं और इंटरनेशनल टी-20 तो वे कभी खेलते ही नहीं हैं।

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