मैं, लेखनी और जिंदगी
- 211 Posts
- 1274 Comments
समय समय का फेर
समय समय की बात है समय समय का फेर
पशुओं को भी लग रहा देर सही ना अंधेर
बात बात पर लालूजी हँसते और मुसकाय
सजा सुनी ज्यों ही तभी दिल बैठा सा जाय
पहले लालू जी चले और पीछे चले मसूद
सख्ती से अब कोर्ट की कम होने लगा बजूद
चारा का तो हो गया कोयला का क्या होय
बोया (खाया )जैसा आपने फल भी बैसा होय
जनता की ये जीत है या भ्रष्टाचार की हार
जुगत मिलाने के लिए फिर नेता अब तैयार
मदन मोहन सक्सेना .
Read Comments