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हम सबको तुम छोड़ चले

मैं, लेखनी और जिंदगी
मैं, लेखनी और जिंदगी
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हम सबको तुम छोड़ चले

प्रिय मित्रो मुझे बताते हुए बहुत दुःख हो रहा है कि मेरे पिताजी का स्वर्गबास दिनांक २८/११/२०१५ को हो गया। बे अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी मधुर स्मृतियाँ और उनका आशिर्बाद हमारे बीच हमेशा बना रहेगा.
भगबान उनकी आत्मा को शांति दे और ईश्वर मुझे और मेरे परिबार को इस दुःख से उबरने में मेरी मदद करे।

हम सबको तुम छोड़ चले ,इस दुनियां से उस दुनियां में
तुम बंधन सारे तोड़ चले ,इस दुनिया से उस दुनियां में

ऐसे भी कोई जाता है ,इस दुनियां से उस दुनियां में
छोड़ बिलखता जाता सबको ,इस दुनियां से उस दुनियां में

संग नहीं कोई जाता है इस दुनियां से उस दुनियां में
जीबित हैं तो जग से नाते ,इस दुनियां से उस दुनियां में

मुक्ति पाकर पहुँच जो जाता , इस दुनियां से उस दुनियां में
बिछुड़ों से मिलना हो जाता ,इस दुनियां से उस दुनियां में

हम सबको तुम छोड़ चले ,इस दुनियां से उस दुनियां में
तुम बंधन सारे तोड़ चले ,इस दुनिया से उस दुनियां में

मदन मोहन सक्सेना

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